Pages

Monday 22 February 2016

कैल्शियम (Calcium)




खनिज तत्वों के मेजर तत्व (Major Elements)


             कैल्शियम (Calcium)



समस्त खनिज तत्वों में कैल्शियम की मात्रा सर्वाधिक होती है। शरीर भार का कुल 2%भाग कैल्शियम का बना होता हैं। सभी खनिज तत्वों की कुल मात्रा का आधा भाग अकेला कैल्शियम ही होता है। एक प्रौढ़ व्यक्ति के शरीर में कैल्शियम 1200 ग्राम तक होता है। कैल्शियम का 99%भाग शरीर के दाँत व अस्थियों को सुदृढ़ता प्रदान करने में तथा 1%भाग शरीर के तरल व कोमल ऊतकों को बनाने में व्यय होता है। इसके अतिरिक्त कैल्शियम की कुछ मात्रा पसीने द्वारा भी उत्सर्जित कर दी जाती है। 
            कैल्शियम की आवश्यकता होने पर शरीर में उपस्थित कैल्शियम के प्रत्येक अंश का शरीर भली भाँति प्रयोग करता है। स्वस्थ व्यक्ति की कैल्शियम अवशोषण क्षमता दुर्बल व्यक्ति की अपेक्षा अधिक रहती है। प्रायः बाल्यावस्था में 1 लीटर दूध की मात्रा अपेक्षित कैल्शियम की पूर्ति कर पाने में समर्थ होती है। 
             आहार नाल का अम्लीय माध्यम कैल्शियम अवशोषण में सहायक होता है। इसी तरह विटामिन 'डी ' व 'सी ' की उपस्थिति कैल्शियम अवशोषण की मात्रा को बढ़ा देते हैं। इसके विपरीत वसा व सैल्यूलोज रेशों की मात्रा,ऑक्जेलिक एसिड,फाइटिक एसिड आदि की मात्रा कैल्शियम अवशोषण में विघ्न पैदा करती है। ऑक्जेलिक एसिड कैल्शियम के साथ संयुक्त होकर कैल्शियम ऑक्जेलेट बनाता है जो अवशोषित नहीं हो पाता। पालक,चुकन्दर,कोको में ऑक्जेलिक एसिड उपस्थित रहता है। पालक कैल्शियम का अच्छा स्रोत है लेकिन फिर भी ऑक्जेलिक एसिड की उपस्थिति के कारण इसके कैल्शियम का उपयोग न के बराबर है इसी प्रकार फाइटिक एसिड जो अनाज के ऊपरी छिलकों में उपस्थित रहता है,कैल्शियम के साथ संयुक्त होकर अघुलनशील लवण बना देता है जिससे इसका अवशोषण नहीं हो पाता। 



कैल्शियम का अवशोषण तथा चयापचय 


कैल्शियम तत्व का अवशोषण छोटी आँत में होता है और रक्त परिवहन द्वारा शरीर विभिन्न भागों में इसकी पूर्ति की जाती है। शरीर में अतिरिक्त कैल्शियम हड्डियों में संग्रहित कर लिया जाता है और कैल्शियम की जब रक्त में मात्रा कम हो जाती है तो हड्डियों में से कैल्शियम निकल कर रक्त में आ जाता है,परन्तु दाँतों में प्रयुक्त कैल्शियम ज्यों का त्यों रहता है। वह स्थायी रूप से प्रयुक्त हो जाता है। हड्डियों में कैल्शियम लगातार आता -जाता रहता है। इसी कारण हड्डियों को 'कैल्शियम का भण्डार 'कहा जाता है। शरीर में पेराथायराइड ग्रन्थि (Parathyroid Gland)अपने हार्मोन द्वारा रक्त में कैल्शियम की मात्रा पर नियन्त्रण रखती है। पैराथायरॉइड हार्मोन रक्त में कैल्शियम की मात्रा 
9-11 मिग्रा /100 मि.ली.बनाये रखती है जो कैल्शियम अवशोषित नहीं हो पाता उसे मूत्र व मल द्वारा निष्कासित कर दिया जाता है। 



कैल्शियम के कार्य 

कैल्शियम शरीर में निम्नलिखित प्रमुख कार्य करता है -

1)- अस्थियों के निर्माण में सहायक 
2)- दाँतों के निर्माण में सहायक 
3)- रक्त का जमना 
4)- वृद्धि में सहायक 
5)- कार्बोहाइड्रेट,वसा व प्रोटीन के पाचन में प्रयुक्त क्रियाओं में उत्प्रेरक की भाँति कार्य 
6)- संवेदना प्रेषण में सहायक 
7)- कोशिका भित्ति की पारगम्य क्षमता को नियन्त्रित करना 
8)- हृदय स्पन्दन व माँसपेशियों की क्रियाओं के नियन्त्रण में सहायक 




कैल्शियम प्राप्ति के प्रमुख स्रोत 


कैल्शियम का प्रमुख स्रोत दूध है। यह दूध ताजा,मक्खन निकला,पाउडर तथा मट्ठा आदि के रूप में हो सकता है। दूध के बिना कैल्शियम की पूर्ति सम्भव नहीं। दूध में कैल्शियम अकार्बनिक लवण के रूप में मिलता है जो रक्त में शीघ्रता से अवशोषित हो जाती है। दूध का प्रति उत्तम प्रकार का होता है। कार्बोहाइट्रेट (लेक्टोज )भी शीघ्र पाचन योग्य होता है। सूखे दूध में विटामिन 'डी 'की भी उपस्थिति पायी जाती है। 

खाद्य -पदार्थ     

                                

1)- दूध एवं दूध से बनी वस्तुएँ 


गाय का ताजा दूध                                     
भैंस का ताजा दूध                                       
बकरी का ताजा दूध                                    
गाय के दूध का दही                                   
पनीर                                                      
भैंस के दूध का खोया                                

2)- अनाज 


रागी      
                                                 

3)-दालें                                                                                                               

                                      
मूँग की दाल                                        
अरहर की दाल                                     
चने की दाल
उरद की दाल                                        

4)- काष्ठफल और तेल वाले बीच 


तिल                                                 
बादाम                                               

5)- पत्ते वाली हरी सब्ज़ियाँ 


गाजर की पत्ती                                   
पुदीना                                              
करी की पत्ती                                    
संझना की पत्ती                               

6)- माँस 

सूखी हुई छोटी मछली                    





Monday 8 February 2016

खनिज तत्वों के कार्य (BENEFITS OF MINERAL ELEMENTS)




खनिज तत्वों के कार्य :



खनिज तत्वों के शरीर निर्माणक कार्य (Constructive Work)


1)- दाँत व अस्थियों के निर्माण करने व उन्हें सुदृढ़ बनाए रखने में जैसे -कैल्शियम,फॉस्फोरस व मैग्नीशियम आदि तत्व। 
2)- कोमल ऊतकों के निर्माण में जैसे -फॉस्फोरस तथा गन्धक तत्व। 
3)- रक्त में उपस्थित हीमोग्लोबिन के निर्माण में जैसे-लोहा,ताँबा व कैल्शियम भी रक्त के संगठन में सहायक होते हैं।
4)- थायरोक्सिन हार्मोन का निर्माण करने जैसे -आयोडीन। 


खनिज तत्वों के शरीर नियामक कार्य (Regulatory)


1)- कुछ खनिज तत्वों की प्रकृति अम्लीय होती है तथा कुछ की प्रकृति क्षारीय। इनके अम्लीय या क्षारीय होने के कारण ही ये शरीर में अम्ल व क्षार का सन्तुलन बनाए रखने में सहायक होते हैं। 
2)- कुछ खनिज तत्व जैसे -सोडियम,पोटेशियम,क्लोरीन आदि शरीर में जल की मात्रा में सन्तुलन बनाए रखते हैं। 
3)- कुछ खनिज तत्व माँसपेशीय तन्तुओं की संकुचन क्रिया में मदद करते हैं। 
4)- कुछ खनिज तत्व विभिन्न पोषक तत्वों के चयापचय को सुचारू रूप से संचालित करने में सहायक भूमिका निभाते हैं। 
5)- नाड़ियों की संवेदना शक्ति को सुचारू बनाए रखने का कार्य खनिज तत्वों का ही हैं। 

Wednesday 3 February 2016

शरीर निर्माणक भोज्य तत्व -खनिज लवण (Body Building Nutrient-Mineral Elements)



शरीर निर्माणक भोज्य तत्व -खनिज लवण 

(Body Building Nutrient-Mineral Elements)


शरीर में जल,कार्बोहाइड्रेट,वसा व प्रोटीन के अतिरिक्त कुछ और अकार्बनिक तत्व भी सूक्ष्म मात्रा में उपस्थित रहते हैं जो मानव की विभिन्न चयापचयी (Metabolic)क्रियाओं में सहायक होते हैं जिन्हें खनिज लवण (Mineral Elements)कहा जाता हैं। यह शरीर में 4% भार की पूर्ति करते हैं तथापि शरीर में इनकी उपस्थिति बहुत अनिवार्य है। ये तत्व शरीर की वृद्धि व निर्माण की क्रियाओं में सहायक भूमिका अदा करते हैं। ये खनिज तत्व भूमि में उपस्थित होते हैं। मिट्टी में भी विभिन्न पादप वनस्पति उगते हैं जो जल के साथ ही इन लवणों को अपनी जड़ द्वारा भूमि से शोषित कर लेते हैं। जब जान्तव इन वनस्पतियों को खाते हैं तो ये खनिज लवण उनके शरीर में पहुँच जाते हैं। इस प्रकार भूमि से प्राप्त खनिज तत्व वनस्पति स्रोत से अन्ततः मानव शरीर में पहुँच जाते हैं जो मानव मृत्यु के साथ ही पुनः मिट्टी में आ जाते हैं। ये खनिज तत्व अकार्बनिक होते हैं,अर्थात इनमें कार्बन की उपस्थिति नहीं होती। 


विभिन्न प्रकार के खनिज लवण 


शरीर के लिए आवश्यक पाँच तत्व - कार्बोहाइट्रेट,वसा,प्रोटीन,विटामिन व जल की भाँति ये भी अनिवार्य व आवश्यक तत्व हैं। ये प्रायः शरीर की निर्माणी,स्वास्थ्य संबंधी व अन्य जीवनदायिनी क्रियाओं के संचालन में आवश्यक होते हैं। शरीर के लिए आवश्यक कुल 24 खनिज तत्वों की उपस्थिति का पता अभी तक लग पाया हैं। ये खनिज तत्व निम्नलिखित हैं। 

1-कैल्शियम 

2-फास्फोरस 

3-पोटेशियम 

4-सोडियम 

5-सल्फ़र (गन्धक )

6-मैग्नीशियम 

7-लोहा 

8-मैंग्नीज 

9-ताँबा 

10-आयोडीन 

11-कोबाल्ट 

12-जिंक (जस्ता )

13-एल्युमिनियम 

14-आसेंनिक 

15-ब्रोमीन 

16-क्लोरीन 

17-फ्लुओरिन 

18-निकिल 

19-क्रोमियम 

20-कैडमियम 

21-सैलेनियम 

22-सिलिकन 

23-मालिबॉडेनम 

24-क्लोराइड्स 



कुछ खनिज तत्वों की उपस्थिति शेष तत्वों से अधिक होती हैं जबकि कुछ खनिज तत्व न्यून मात्रा में आवश्यक होते हैं। कैल्शियम,फॉस्फोरस,पोटेशियम,क्लोरीन,सोडियम व मैग्नीशियम आदि ऐसे तत्व है जिनकी शरीर में अधिक मात्रा में आवश्यकता होती है इसलिए इन्हें मेजर तत्व (Major Elements)कहा जाता है। जबकि कुछ तत्व जैसे -लोहा,ताँबा,मैग्नीज,आयोडीन आदि कम मात्रा में ही शरीर के लिए आवश्यक होते  है ये ट्रेस तत्व (Trace Elements)कहलाते हैं। शरीर में इनकी बहुत कम मात्रा आवश्यक होती है फिर भी इनके महत्त्व को नकारा नहीं जा सकता। इनकी उपस्थिति आवश्यक हैं।