भोजन का अर्थ व परिभाषा
(Meaning And Definition Of Food)
"वे पदार्थ जो शरीर में ग्रहण किये जाने के पश्चात उर्जा उत्पन्न करते हो, नये तन्तुओं का निर्माण तथा पुराने (टूटे-फूटे) उतकों की मरम्मत करते हों, शारीरिक क्रियाओं पर नियन्त्रण तथा शरीर के लिए आवश्यक यौगिकों के बनाने में सहयोग प्रदान करते हों, भोजन कहलाते है"
भोजन हमारे शरीर को पोषित करता है किन्तु भोजन कहा सकने वाला हर पदार्थ भिन्न-भिन्न पोषण योग्यता एवं क्षमता रखता है एक ही पदार्थ विभिन्न जीवों के लिए गृहणीय अथवा अगृहणीय हो सकता है
आवश्यक नहीं कि एक ही भोज्य पदार्थ सभी गुण रखता हो जैसे सैकरीन (Saccharin) पाचक रसों द्वारा घुल कर रक्त प्रवाह में पहुँच जाती है किन्तु शरीर के पोषण में उसका कोई योगदान नहीं होता है
पोषक तत्व
"शरीर को पोषण प्रदान करने वाला भोजन अनेकों रासायनिक पदार्थों का संयोजन है लगभग 50 रासायनिक पदार्थ शरीर की आवश्यकताओं के अनुसार 6 प्रमुख समूह में बाँट दिये गये है इन्हीं 6 समूहों को पौष्टिक तत्वों के नाम से जाना जाता है प्रोटीन, कार्बोज, वसा, विटामिन, खनिज लवण, जल"
विभिन्न भोज्य पदार्थों में इनकी मात्रा व गुणात्मकता में भिन्नता होती है कुछ भोज्य पदार्थों में कोई पोषक तत्व अधिक मात्रा में होता है परन्तु कुछ में उसका गुण उत्तम वाला होता है इस प्रकार अलग-अलग भोज्य पदार्थ अलग-अलग तत्वों के उत्तम, मध्यम व निम्न स्त्रोत होते है
ये सभी पोषक तत्व मुख्य रूप से कार्बन, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन, आक्सीजन, सल्फर, कैल्शियम, मैग्नीशियम आदि से निर्मित होते है भोज्य पदार्थों में ये रासायनिक तत्व यौगिकों के रूप में उपस्थित रहते है
भोजन में पोषक तत्व पाए जातें है और ऐसे पदार्थ भी उनमें होते है जिन्हें अपोषक तत्व कहते है हमारे शरीर को प्रत्येक पोषक तत्व की एक निश्चित मात्रा में आवश्यकता होती है इसमें से कुछ पोषक तत्व अधिक मात्रा में आवश्यक है तो कुछ कम मात्रा में किन्तु स्वस्थ शरीर के लिए प्रत्येक पोषक तत्व चाहे व अधिक मात्रा में आवश्यक हो या कम मात्रा में, दोनों का ही अपना महत्व है
भोजन के व्यंजन के बारें में अच्छा लिखा है और गहराई से समझाया है उत्तराखंड के भोजन के व्यंजन
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