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Tuesday 29 October 2013

आधारीय उपापचयन - आधारीय चयापचय दर ( BASAL METABOLISM AND BASAL METABOLIC RATE )






                                                   आधारीय उपापचयन     

                                                 (Basal Metabolism)




"शरीर की अनिवार्य एवं यान्त्रिक क्रियाओं के लिए एक निश्चित मात्रा में ऊर्जा की जरूरत होती है ऊर्जा की यह मात्रा शरीर के जीवित रहने के लिए अनिवार्य होती है शरीर के जीवित रहने के लिए अनिवार्य न्यूनतम शक्ति या ऊर्जा प्रदान करने के लिए होने वाले चयापचय को ही आधारीय चयापचय (Basal Metabolism) कहा जाता है" 
        आधारीय चयापचय की माप उस समय की जाती है जब व्यक्ति किसी भी प्रकार का मानसिक या शारीरिक कार्य न कर रहा हो अर्थात वह पूर्णतया विश्राम की स्थिति में हो इस माप के समय व्यक्ति के पर्यावरण का तापक्रम सामान्य होना चाहिए अर्थात न तो अधिक ठंडा हो और न ही अधिक गरम आधारीय चयापचय की माप करते समय व्यक्ति को जागृतावस्था में होना चाहिए तथा आहार ग्रहण किये हुए कम से कम 12 घण्टे हो चुके हो






                                                  आधारीय चयापचय दर 

                                               (Basal Metabolic Rate)




"यदि कोई व्यक्ति पूर्ण शारीरिक तथा मानसिक विश्राम की स्थिति में हो, जागृत अवस्था में लेटा हुआ हो एवं भोजन किए कम से कम 12 घण्टे हो चुके हो तो उपरोक्त अवस्था में, किसी व्यक्ति के द्वारा एक वर्ग मीटर एक घण्टे में ऊष्मा की जितनी मात्रा उत्पन्न की जाती है या काम में ली जाती है उसे आधारीय चयापचय दर (Basal Metabolic Rate) कहा जाता है "



      


Friday 25 October 2013

भोजन का अर्थ व परिभाषा ( MEANING AND DEFINITION OF FOOD )






                               भोजन का अर्थ व परिभाषा 
                       (Meaning And Definition Of Food)




"वे पदार्थ जो शरीर में ग्रहण किये जाने के पश्चात उर्जा उत्पन्न करते हो, नये तन्तुओं का निर्माण तथा पुराने (टूटे-फूटे) उतकों की मरम्मत करते हों, शारीरिक क्रियाओं पर नियन्त्रण तथा शरीर के लिए आवश्यक यौगिकों के बनाने में सहयोग प्रदान करते हों, भोजन कहलाते है"
         भोजन हमारे शरीर को पोषित करता है किन्तु भोजन कहा सकने वाला हर पदार्थ भिन्न-भिन्न पोषण योग्यता एवं क्षमता रखता है एक ही पदार्थ विभिन्न जीवों के लिए गृहणीय अथवा अगृहणीय हो सकता है 
      आवश्यक नहीं कि एक ही भोज्य पदार्थ सभी गुण रखता हो  जैसे सैकरीन (Saccharin) पाचक रसों द्वारा घुल कर रक्त प्रवाह में पहुँच जाती है किन्तु शरीर के पोषण में उसका कोई योगदान नहीं होता है 






                                         पोषक तत्व      

                                                      

"शरीर को पोषण प्रदान करने वाला भोजन अनेकों रासायनिक पदार्थों का संयोजन है लगभग 50 रासायनिक पदार्थ शरीर की आवश्यकताओं के अनुसार 6 प्रमुख समूह में बाँट दिये गये है इन्हीं 6 समूहों को पौष्टिक तत्वों के नाम से जाना जाता है प्रोटीन, कार्बोज, वसा, विटामिन, खनिज लवण, जल"
    विभिन्न भोज्य पदार्थों में इनकी मात्रा व गुणात्मकता में भिन्नता होती है कुछ भोज्य पदार्थों में कोई पोषक तत्व अधिक मात्रा में होता है परन्तु कुछ में उसका गुण उत्तम वाला होता है इस प्रकार अलग-अलग भोज्य पदार्थ अलग-अलग तत्वों के उत्तम, मध्यम व निम्न स्त्रोत होते है 
       ये सभी पोषक तत्व मुख्य रूप से कार्बन, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन, आक्सीजन, सल्फर, कैल्शियम, मैग्नीशियम आदि से निर्मित होते है भोज्य पदार्थों में ये रासायनिक तत्व यौगिकों के रूप में उपस्थित रहते है 
   भोजन में पोषक तत्व पाए जातें है और ऐसे पदार्थ भी उनमें होते है जिन्हें अपोषक तत्व कहते है हमारे शरीर को प्रत्येक पोषक तत्व की एक निश्चित मात्रा में आवश्यकता होती है इसमें से कुछ पोषक तत्व अधिक मात्रा में आवश्यक है तो कुछ कम मात्रा में किन्तु स्वस्थ शरीर के लिए प्रत्येक पोषक तत्व चाहे व अधिक मात्रा में आवश्यक हो या कम मात्रा में, दोनों का ही अपना महत्व है 
  

Wednesday 23 October 2013

पोषण का अर्थ व परिभाषा ( MEANING AND DEFINITION OF NUTRITION )



                                     पोषण का अर्थ व परिभाषा 

                        (Meaning And Definition Of Nutrition)





"पोषण शरीर में होने वाली विभिन्न क्रियाओं का संगठन है, जिसके द्वारा जीवित प्राणी ऐसे पदार्थों को ग्रहण करता है जो शरीर के विभिन्न कार्यों को नियंत्रित करता है, वृद्धि करता है तथा शारीरिक टूट-फूट की मरम्मत करता है "



Nutrition is the combination of processes by which the living organism receives and utilizes the materials necessary for the maintenance of its functions and for the growth and renewal of its components"




                                             आहार विज्ञानं या पथ्याथ्य 

                                                       (Dietetics)



जब विभिन्न व्यक्ति, वर्गों, समूहों अथवा समुदाय विशेष आदि की पोषण आवश्यकता के अनुसार (लिंग, आयु, कार्य, जलवायु, आर्थिक स्थिति अथवा रोग की स्थिति में) आहार सम्बन्धी निर्देश दिए जाते है तो पथ्यापथ्य (Dietetics) कहते है। 

पथ्यापथ्य (Dietetics) का उद्देश्य - उचित पोषण प्राप्त करना