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Friday 18 March 2016

फॉस्फोरस (Phosphorus)





खनिज तत्वों के मेजर तत्व (Major Elements)

               फॉस्फोरस (Phosphorus)


शरीर में खनिज तत्वों की कुल उपस्थिति का 1/4 भाग फॉस्फोरस का रहता हैं। प्रायः कैल्शियम तत्वों के बाद फॉस्फोरस की ही मात्रा अधिकतम होती है। फॉस्फोरस का अधिकतम 80% भाग हड्डियों व दाँतों में कैल्शियम के साथ ही पाया जाता है और शेष 20% भाग शरीर के कोमल व  तरल ऊतकों में रहता है। एक सामान्य स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में 400 से 700 ग्राम तक फॉस्फोरस की उपस्थिति एक फास्फेट के रूप में रहती है। 



फॉस्फोरस के कार्य :



1)-उच्च ऊर्जा बन्धकों (High Energy Bond )का निर्माण करने में सहायक। 
2)- अस्थियों व दाँतों के निर्माण में सहायक। 
3)- अम्ल व क्षार के सन्तुलन में नियन्त्रण। 
4)- आवश्यक शारीरिक यौगिकों का भाग। 
5)- पोषक तत्वों के अवशोषण व परिसंचरण में सहायक। 



फॉस्फोरस प्राप्ति के स्रोत :



वैसे तो कैल्शियम व फॉस्फोरस की उपस्थिति भोज्य पदार्थों में साथ ही साथ होती है,परन्तु फॉस्फोरस कैल्शियम की अपेक्षा खाद्य पदार्थों में आसानी से मिल जाता है। सामान्यतः शरीर में फॉस्फोरस का अभाव कम ही पाया जाता है। प्रोटीन युक्त आहार में फॉस्फोरस भी उपस्थित रहता है। फॉस्फोरस प्रोटीन के साथ संयुक्त होकर फास्फो प्रोटीन के रूप में दूध की प्रोटीन केसीन में उपस्थित रहता है। अण्डे के पीले भाग में न्यूक्लियो प्रोटीन में फॉस्फोरस की मात्रा रहती है। विभिन्न वसाओं में फोस्फोलिपिड और कार्बोहाइट्रेट में फोस्फोरिक एस्टर के रूप में यह उपस्थित रहता है। विभिन्न अनाज,दालों,महुए व तिल के बीजों में फाइटिन व फाइटिक एसिड के रूप में फॉस्फोरस उपस्थित रहता है। 
      फॉस्फोरस के उत्तम स्रोत हैं -दूध,पनीर,अण्डे की जर्दी,माँस,मछली,यकृत व साबुत अनाज आदि। यकृत में फॉस्फोरस अधिक मात्रा में पाया जाता है। बिना पालिश किये अनाजों की फॉस्फोरस फाइटिक एसिड के रूप में होने के कारण इसका पूर्ण उपयोग नहीं हो पाता। फल व सब्जियों में फॉस्फोरस की कम मात्रा रहती है।