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Tuesday 15 September 2015

वसा में घुलनशील विटामिन-विटामिन 'ए '(Vtamin'A')





वसा में घुलनशील विटामिन


विटामिन 'ए '


वसा में घुलनशील विटामिनों में सर्वप्रथम विटामिन 'ए 'की खोज हुई। यह मुख्यतः वनस्पति के हरे रंग क्लोरोफिल से संबंधित है। पीले फल व सब्जियों में पाया जाने वाला कैरटिनोयाड्स वर्णक विटामिन 'ए 'के लिए प्री-विटामिन है। इस विटामिन को रेटिनॉल (retinol)भी कहते हैं। इसे वनस्पतियों में में पाये जाने वाले पदार्थ कैरोटीन (Carotene)से प्राप्त किया जाता हैं। इसे विटामिन Aका प्रीकर्सर कहते हैं। 
          विटामिन A1का सबसे मुख्य स्रोत मछली के यकृत का तेल है। समुद्री मछलियों के यकृत में मुख्यतः विटामिन A1व मीठे पानी की मछलियों के यकृत में विटामिन A2होता हैं 


विटामिन 'ए 'प्राप्ति के साधन :


1)-वनस्पति से - 


वनस्पति से यह उन साग-सब्जियों में पाया जाता है जो पीले व लाल रंग के हों ;जैसे -टमाटर,गाजर,पपीता,शकरकंद,आम,आड़ू,मटर व हरी पत्तेदार सब्जियाँ (धनिया,शलजम,पोदीना,चुकंदर )आदि में। 


2)- जन्तुओं से -


मुख्य रूप से मछली के यकृत के तेल में मिलता हैं। इसके अतिरिक्त यह अण्डा,दूध व मक्खन आदि में पर्याप्त मात्रा में मिलता है। 
      वनस्पति घी का पौष्टिक मूल्य बढ़ाने के लिए उसमें ऊपर से विटामिन 'ए 'मिला दिया जाता हैं। 




विटामिन 'ए 'के कार्य -



1)- विटामिन 'ए 'आँखों की सामान्य दृष्टि के लिए अत्यन्त आवश्यक हैं। यह नेत्रों में उपस्थित रोडोप्सिन (Rhodopsin or visual purple)नामक पदार्थ में प्रोटीन रहित भाग का निर्माण करता हैं। रोडोप्सिन की उपस्थिति सामान्य दृष्टि हेतु अत्यन्त आवश्यक है। विटामिन 'ए ' की अधिक समय तक कमी रहने से रात्रि अन्धापन (Night Blindness)हो जाता है। जिसमें व्यक्ति धीमे प्रकाश (dim night)में कुछ भी देखने में असमर्थ रहता है। 

2)-विटामिन 'ए 'एपिथीलियम ऊतकों की कार्यक्षमता व क्रियाशीलता बनाए रखने में भी सहायक होता हैं। यह श्लेष्मा स्त्राव में सहायक कारकों के निर्माण में सहायता करता हैं,जिससे कि ऊतकों की स्थिरता बनी रहती हैं। यह ऊतक जीभ,नेत्र,श्वसन नली,मुख गुहा,प्रजनन व मूत्र संबन्धी नलियों आदि की आन्तरिक भित्ति का निर्माण करते हैं। 

3)- विटामिन बाह्य त्वचा की कोशिकाओं को चिकना व कोमल बनाए रखती हैं। इसके अभाव में बाह्य त्वचा सूख जाती हैं व दरार पड़ जाती हैं। त्वचा में बाह्य संक्रमण से बचाव करने की क्षमता का ह्रास होता हैं। यह अवस्था ( Keratinnisation)की कहलाती हैं। 

4)- बालकों की सामान्य वृद्धि व विकास में यह वृद्धि वर्ध्दक कारक (Growth Promoting Factor)भाँति कार्य करता हैं। 
5)- विटामिन 'ए 'अस्थियों में दाँतों के विकास में योगदान देता हैं। इसकी कमी से अस्थियाँ लम्बाई में बढ़ना बन्द कर देती हैं। फलस्वरूप अस्थियों की वृद्धि रूक जाती है। विटामिन 'ए 'अपरिपक्व कोशिकाओं को आस्टियोब्लास्ट कोशिकाओं में परिवर्तित करने का कार्य करता है जो कि कोशिकाओं की संरचना बढ़ाता है। यह आस्टियोब्लास्ट के परिवर्तन में भी सहायक होता है जो हड्डी व कोशिकाओं के बढ़ने में सहायक है और वृद्धि काल में पुनः निर्मित की जाती हैं। 

6)- विटामिन 'ए 'की कमी से नेत्रों की बाहरी पर्त कार्निया मुलायम पड़ जाती हैं। इस रोग को कैराटोमलेशिया (Keratomalacia)कहते हैं। 





























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