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Wednesday 15 March 2023

भोजन के कार्य

                         भोजन के कार्य 

भोजन के कार्यों को हम निम्नलिखित भागों में बाँट सकतें हैं .                       

1-शारीरिक कार्य (physiological function)

ऊर्जा प्रदान करना ,
नए तंतुओं का निर्माण करना व उनकी टूट-फूट की मरम्मत करना,
शरीर को रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करना 

2-मनोवैज्ञानिक कार्य (psychological function)

आधुनिक मनोवैज्ञानिकों ने विभिन्न अनुसंधानों के आधार पर यह सिद्ध किया है कि भोजन केवल क्षुधा शांत करने तथा शरीर के पोषण का ही कार्य नहीं करता अपितु वह व्यक्ति की अनुभूतियों को व्यक्त करने का एक उत्तम साधन हैं, एक गृहिणी के द्वारा उत्तम तरीके से पकाये जाने के बाद भोजन को किसी अतिथि के सम्मुख कलात्मक रूप से प्रस्तुत करना जहाँ उस गृहिणी को आत्मिक सुख पहुँचाता हैं वहीं उसकी स्वस्थ मनोवृत्ति एवं भावनाओं का प्रदर्शन भी करता हैं 

3-सामाजिक कार्य (social function)

मानव एक सामाजिक प्राणी हैं, जिस तरह एक परिवार की रचना कुछ सदस्यों द्वारा होती हैं ठीक उसी प्रकार समाज की रचना परिवारों व कुटुम्बों के द्वारा होती हैं, व्यक्ति आपस में भावनाओं का आदान-प्रदान करके अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा को बनाये रखता हैं, इस आदान- प्रदान का एक माध्यम भोजन भी हैं जिसके द्वारा व्यक्ति प्रेम, मित्रता, सहयोग आदि भावनाओं को प्रदर्शित करता हैं| समाज में कुछ विशेष अवसरों पर जैसे विवाह, दीपावली व अन्य त्योहारों पर व्यक्ति हर्ष कों प्रदर्शित करने के लिए भोजन को माध्यम बनाता है, इसके अलावा कुछ विशेष दुखद अवसरों पर भी दान-दक्षिणा व ब्राह्मण भोज कराने की प्रथा प्राचीन काल से प्रचलित हैं| 
भारत एक संस्कृति प्रधान देश हैं- यहाँ अनेकता में एकता के दर्शन होतें हैं जहाँ भिन्न-भिन्न जाति प्रदाय, संस्कृति व समुदाय के व्यक्तियों का निवास है तथा इनके खान-पान में काफी भिन्नता हैं, इस तरह इनके भिन्न-भिन्न भोजन के द्वारा इनकी जाति, भोजन से संबन्धित मान्यताओं आदि का ज्ञान होता हैं 



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