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Sunday 26 March 2023

शरीर निर्माणक भोज्य तत्व

                                  शरीर निर्माणक भोज्य तत्व 


वह भोज्य तत्व जो शरीर में निर्माण करने का कार्य करते हैं, शरीर निर्माणक तत्व कहलाते हैं। शरीर निर्माणक भोज्य तत्वों में प्रोटीन प्रमुख है। हमारा शरीर जिसकी इकाई कोशिका है, का निर्माण प्रोटीन के द्वारा ही होता है। 
      विभिन्न वृद्धि की अवस्थाओं जैसे बाल्यावस्था, किशोरावस्था तथा गर्भावस्था में अंगों की वृद्धि तीव्र गति से होती है। अतएव इन अवस्थाओं में विशेष रूप से अधिक प्रोटीन की आवश्यकता होती है। दूसरी अवस्थाओं  में, जबकि वृद्धि नहीं होती उस समय शरीर में होने वाली निरन्तर टूट-फूट की मरम्मत के लिए प्रोटीन की आवश्यकता होती है। हमारे शरीर में जल बाद दूसरा तत्व प्रोटीन ही होता है जिससे शरीर बना होता है। हर अंग जैसे - अस्थियाँ, माँसपेशियाँ, दाँत, त्वचा, बाल, रक्त का निर्माण प्रोटीन से ही होता है। 
        प्रोटीन के बाद दूसरा निर्माणक भोज्य तत्व खनिज  है। इन निर्माणक पदार्थों में कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, व  आयोडीन प्रमुख हैं। कैल्शियम, फॉस्फोरस  दाँत  व  अस्थियों के निर्माण में मुख्य रूप से भाग लेते हैं। आयोडीन भी शरीर एक प्रमुख ग्रन्थि थॉयराइड का निर्माण करती हैं। आयोडीन की कमी से इस ग्रंथि का पूर्ण निर्माण नहीं हो पाता तथा शारीरक व मानसिक विकास अवरूद्ध हो जाता है। रक्त की हीमोग्लोबिन निर्माण में लोहा ही मुख्य रूप से भाग लेता है। 
       शरीर निर्माणक तत्वों में जल का भी महत्त्वपूर्ण स्थान है। शरीर में मात्रा की दृष्टि से पहला स्थान जल का ही है। विभिन्न अन्तः कोशिका द्रवों तथा बाह्य द्रवों का निर्माण जल से ही होता है। रक्त का माध्यम भी जल है।


                    शरीर निर्माणक तत्वों की प्राप्ति के साधन 


प्रोटीन- दूध, दही, पनीर, अण्डा, माँस, सोयाबीन, सूखे मेवे, मूँगफली, दालें, सेम  आदि। 
 
कैल्शियम - पनीर, अण्डा, हरी सब्जियाँ, दूध, दही। 

फास्फोरस - पनीर, अण्डा, यकृत, गुर्दा, सोयाबीन, दालें व साबुत अनाज, दूध, दही। 

लोहा - यकृत, हरी पत्ती वाली सब्जियाँ, मुन्नका, बाजरा, खजूर, सेव, केला आदि। 

आयोडीन - प्याज, समुद्री घास, तथा  समुद्री मछली। 

जल - शुद्ध जल, रसीले फल व सब्जियाँ, दूध व  अन्य पेय पदार्थ। 

                                          



                           

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