सुरक्षात्मक तत्व - विटामिन
( Protective Nutrient - Vitamins )
विटामिन (Vitamine ) शब्द 1912 में सर्वप्रथम फंक (Funk) नामक वैज्ञानिक द्वारा प्रस्तावित किया गया। चावल के ऊपरी छिल्के से प्राप्त तत्व को बेरी-बेरी के रोगी को खिलाने से लाभ होता है। जीवन के लिए आवश्यक सुरक्षात्मक तत्व होने के कारण इसका नाम Vitamine ( Vital + Amines ) दिया गया। जीवन
( Vital ) के लिए आवश्यक तथा बेरी-बेरी विरोधी तत्व (Preventing element ) में नाइट्रोजन (Amine) की उपस्थिति के कारण ही यह नाम ( Vitimine ) अधिक उपयुक्त समझा गया। बाद में इस धारणा को गलत पाया गया क्योंकि पैलाग्रा,स्कर्वी,रिकेट्स आदि का सफलतापूर्वक उपचार करने वाले विटामिनों में नाइट्रोजन (amine) समूह बहुत कम मात्रा में ही पाया गया। अतः Vitamine शब्द के अन्त का e (ई) पृथक कर दिया गया।
"विटामिन एक प्रकार के कार्बनिक यौगिक होते हैं, जिनकी भोजन में उपस्थिति बहुत कम मात्रा में ही, परन्तु शारीरिक वृद्धि हेतु बहुत आवश्यक होती है। ये शरीर के नियामक (Regulators) की भाँति कार्य करते हैं तथा शरीर की चयापचयी क्रियाओं पर नियन्त्रण रखने वाले तत्व हैं। यदि ये तत्व भोजन में न मिलें तो विभिन्न हीनता जनित रोग हो जाते हैं।"
विटामिनों को ए, बी, सी, डी, ई, के आदि नाम दिए गए हैं। सन 1915 में मैकालम नामक वैज्ञानिक ने इन विटामिनो में से कुछ को जल में घुलनशील पाया तथा कुछ को वसा में घुलनशील। इसी आधार पर विटामिन का वर्गीकरण किया गया।
जल में घुलनशील विटामिन -
विटामिन 'बी' (काम्प्लैक्स)
विटामिन 'सी'
वसा में घुलनशील विटामिन -
विटामिन 'ए'
विटामिन 'डी'
विटामिन 'ई'
विटामिन 'के'
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